Northern Peripheral Road (NPR) की डेडलाइन एक बार फिर बढ़ गई है। HUDA की इंजीनियरिंग सेल ने दावा किया था कि इस काम को 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। अब चीफ इंजीनियर ने दावा किया है कि 31 मार्च तक 14 किलोमीटर एरिया में निर्माण कर दिया जाएगा। साथ ही साथ चीफ इंजीनियर ने यह भी दावा किया है कि मार्च से गांव बसई में रेलवे लाइन के पास रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जिसे साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
शनिवार सुबह 11 बजे चीफ इंजीनियर गांव खेड़कीदौला के पास पहुंचे और एनपीआर का जायजा लिया। उनके साथ सुपरिटेडेंट इंजीनियर आदर्श कुमार गुप्ता, इग्जेक्युटिव इंजीनियर ए. के. माकन व सब डिविजनल इंजीनियर बी. डी. यादव मौजूद थे। इस विजिट में चीफ इंजीनियर ने पुलिस फोर्स की मदद से न्यू पालम विहार के क्लीयर एरिया में निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया।
चीफ इंजीनियर ने बताया कि मार्च तक एनपीआर के 14 किलोमीटर एरिया में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। एक किलोमीटर एरिया में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना है। इसमें रेलवे लाइन के ऊपर ब्रिज का निर्माण रेलवे विभाग ने करना है, जबकि अप्रोच को हूडा को तैयार करना है। उनके अनुसार इस प्लानिंग के ऊपर करीब 125 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। रेलवे लाइन के ऊपर ब्रिज निर्माण में 65 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेलवे ने एस्टिमेट दे दिया है। अब इस राशि को जल्द ही रेलवे को ट्रांसफर कर उनसे आग्रह किया जाएगा कि आरओबी का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाए। साथ ही साथ अप्रोच तैयार करने को लेकर कंसलटेंट नियुक्त कर दिया गया है, जो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इसके निर्माण में करीब 60 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
24 जनवरी को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के फाइनैंशल कमिश्नर कम प्रिंसिपल सेक्रेटरी एनपीआर से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेंगे, जिसमें एनपीआर की देरी पर किसी न किसी पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। इस मीटिंग से इंजीनियरिंग विंग में डर है, जिसको लेकर एनपीआर के निर्माण को पूरा करने में हरकत तेज हो गई है।
आरओबी बनने से फायदा!!
यह आरओबी गांव खेड़कीदौला से द्वारका की तरफ 6.650 किलोमीटर पर है। आरओबी का निर्माण 1 किलोमीटर एरिया में किया जाएगा। यहां रेलवे लाइन की चौड़ाई करीब 300 मीटर है, जबकि 700 मीटर एरिया में अप्रोच बननी है। जब तक इस आरओबी का निर्माण नहीं कर लिया जाता है, तब तक यह बनकर बेकार रहेगा।
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